चेहरों पर चेहरे लगाते है लोग
सोमवार, 6 अप्रैल 2009
चेहरों पर चेहरे लगाते है लोग
हस कर गम को छिपाते है लोग
मिलने-जुलने वालो की भीड़ में
कुछ ही साथ निभाते है लोग
सुकून देते है जो साथ रह कर
जाने पर कसक दे जाते है लोग
जिक्र जब होता है बीते लम्हों का
याद बहुत आते है लोग
ग़ज़ल में ढाली है हकीकत ' सर ' ने
तभी तो बहुत सरते है लोग
नाहादिया सर
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