ज़ख्मो को न आँचल से हवा दो
शुक्रवार, 10 जुलाई 2009
ज़ख्मो को न आँचल से हवा दो
गर कुछ दे सकते हो वफ़ा दो
गरीब के बीमार बच्चे को
रोटी दो न की दवा दो
बेशर्म हो चली जिंदगी पर
रहम करो रहनुमाओ, हया दो
तानाशाही में कुचलते आदमी को
हा ! आम आदमी को जुबा दो
विद्रोह कर उठे जुलम के खिलाफ
उसे हिम्मत दो न की सज़ा दो
10 जुलाई 2009 को 4:15 am बजे
गरीब के बीमार बच्चे को
रोटी दो न की दवा दो
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सही कहा है भूख की बीमारी रोटी से जायेगी न कि दवा से
बहुत खूब