रहनुमा साथ छोड़ देता है
सोमवार, 27 जुलाई 2009
रहनुमा साथ छोड़ देता है
रास्ता साथ छोड़ता ही नही
नई तहजीब में पला बच्चा
अब खिलोनो से खेलता ही नही
सब की आखो में अश्क भर आए
इक मेरा दर्द बोलता ही नही
धुंधले चेहरों का उफ़ घना जंगल
बच निकलने का रास्ता ही नही
इखतलाफात दूर हो कैसे
वो मेरी तरह सोचता ही नही
यासमीन महक
27 जुलाई 2009 को 5:06 am बजे
वाह बेहतरीन
27 जुलाई 2009 को 10:14 am बजे
रहनुमा साथ छोड़ देता है
रास्ता साथ छोड़ता ही नही
-बहुत गहरी बात!!