अबादतो की तरह मै यह काम करता हूँ
गुरुवार, 9 जुलाई 2009
अबादतो की तरह मै यह काम करता हूँ
मेरा उसूल है पहले सलाम करता हूँ
मखालफत से मेरी शख्सियत सवरती है
मै दुश्मनों का बड़ा एहेतराम करता हूँ
मै अपनी जेब में अपना पता नही रखता
सफर में सिर्फ़ यही एह्तमाम करता हूँ
मै डर गया हूँ बहुत सायादार पेडो से
ज़रा सी धुप बिछा कर कयाम करता हूँ
मुझे खुदा ने ग़ज़ल का दयार बख्शा है
यह सल्तनत मै मोहब्बत के नाम करता हूँ
डा. बशीर बदर
9 जुलाई 2009 को 5:59 am बजे
मै डर गया हूँ बहुत सायादार पेडो से
ज़रा सी धुप बिछा कर कयाम करता हूँ
-हर शेर-बहुत खूब!