आपसे प्यार होता जाता है
मंगलवार, 21 जुलाई 2009
आपसे प्यार होता जाता है
कम दुश्वार होता जाता है
अक्ल करती है जितनी तदबीरे
इश्क बीमार होता जाता है
कोई लग्जिश न यार हो जाए
शौक आजार होता जाता है
जिस कदर हाल-ऐ-दिल छुपाते है
साफ इज़हार होता जाता है
ज़ख्म-ऐ-एहसास की खलिश से 'अदम'
फूल भी खर होता जाता है
अब्दूल हमीद 'अदम'
22 जुलाई 2009 को 12:05 am बजे
bahut hi badhiya
19 सितंबर 2010 को 5:56 am बजे
achchha hai sir
arganikbhagyoday.blogspot.com