फ़िर अजनबी फिजाओ से जोड़ा गया मुझे
सोमवार, 13 जुलाई 2009
फ़िर अजनबी फिजाओ से जोड़ा गया मुझे
मै फूल थी जो शाख से तोडा गया मुझे
मिटटी के बर्तनों की तरह साडी जिंदगी
तोडा गया मुझे कभी जोड़ा गया मुझे
हाथो में सौप कर मेरे कागज़ की एक नाव
दरिया के तेज़ धार पर छोडा गया मुझे
खुशबू की तरह जीना भी आसान तो नही
फूलो से कतरा-कतरा निचोडा गया मुझे
मै ऐसी शाख थी जो लचकती न थी कभी
फूलो का बोझ डाल कर मोडा गया मुझे
मुदत के बाद आँख लगी थी मगर 'नसीम'
ख्वाबो में सारी रात झिंझोडा गया मुझे
नसीम निकहत
13 जुलाई 2009 को 5:04 am बजे
मुदत के बाद आँख लगी थी मगर 'नसीम'
ख्वाबो में सारी रात झिंझोडा गया मुझे
====
ख्वाब कब आंख लगने देते है भला
बहुत खूब