सारे माहौल को जाने क्या हो गया  

सोमवार, 27 जुलाई 2009

सारे माहौल को जाने क्या हो गया
जिंदा रहना भी अब तो सज़ा हो गया

एक मगरूर तारा बहुत दिन हुए
आसमानों से गिर कर फ़ना हो गया

अब किनारों के मिलने की उम्मीद क्या
दोनों जानब बड़ा फासला हो गया

रात भर खेमा--दिल में हलचल रही
जाने बस्ती में क्या हादसा हो गया

सारी दुनिया में जब उसका कोई नही
वो मेरा हो गया तो क्या हो गया

ठोकरे खाते खाते हर इक गाम पर
अब तो 'महक' उसको होसला हो गया

यासमीन महक

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