मेरे जैसे बन जाओगे  

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2009

मेरे जैसे बन जाओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा
दीवारों से टकराओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा

हर बात गवारा कर लोगे
मन्नत भी उतरा कर लोगे
ताबीज भी बन्ध वाओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा

तन्हाई के झूले झूओलोगे
हर बात पुरानी भूलोगे
आइने से घबराओ गे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा

जब सूरज भी खो जाएगा
और चाँद कही सो जाएगा
तुम भी घर देर से आओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा

बेचनी जब बड जायेगी
और याद किसी की आएगी
तुम मेरी गजले गाओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा

ग़ज़ल के बादशाह जगजीत सिंह जी की ये ग़ज़ल
जिस में उनका साथ उनकी पत्नी चित्र सिंह जी
दिया है इसको सुनिए और लुत्फ़ लीजिये।


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2 टिप्पणियाँ: to “ मेरे जैसे बन जाओगे

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