नए सफर का नया इंतजाम कह देंगे  

मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009

नए सफर का नया इंतजाम कह देंगे
हवा को धुप, चिरागों को शाम कह देंगे

किसी से हाथ भी चुप कर मिलाइए वरना
इसे भी मौलवी साहब हराम कह देंगे

डा. राहत इंदौरी

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