सिर्फ़ खंजर ही नही आँखों में पानी चहिये
सोमवार, 16 फ़रवरी 2009
सिर्फ़ खंजर ही नही आँखों में पानी चहिये
ऐ खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चहिये
में तेरी आवारगी को कुछ नही कहता मगर
यार बादल मेरे खेतो को भी पानी चहिये
डा. राहत इंदौरी
आज तक जो कुछ भी देखा, सुना, पढ़ा, जाना, समझा वो सब कुछ जो यहाँ से वहां से जाने कहाँ कहाँ से जमा किया वो सब कुछ इस ब्लॉग पे डाल रहा हूँ. वैसे तो मेरी कोशिश होगी की हर रचना के साथ उसके रचनाकार का नाम भी दे दू लेकिन अगर कभी ऐसा न कर सको तो अपना दोस्त समझ के माफ़ कर दीजियेगा.
सिर्फ़ खंजर ही नही आँखों में पानी चहिये
ऐ खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चहिये
में तेरी आवारगी को कुछ नही कहता मगर
यार बादल मेरे खेतो को भी पानी चहिये
Posted in डा. राहत इंदौरी by Rahul kundra
Email this postCheck Page Rank of any web site pages instantly: |
This free page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service |
16 फ़रवरी 2009 को 2:20 am बजे
में तेरी आवारगी को कुछ नही कहता मगर
यार बादल मेरे खेतो को भी पानी चहिये
majaa aa gaya..क्या बात है..
्वाह ्वाह
16 फ़रवरी 2009 को 5:33 am बजे
waah behad jabardast
16 फ़रवरी 2009 को 9:30 am बजे
बहुत सुंदर...
16 फ़रवरी 2009 को 11:12 pm बजे
ऐसे लाजवाब शेर कहना राहत साहेब के ही बस की बात है.....वाह..
नीरज