रात की धड़कन जब तक जारी रहती है
सोमवार, 16 फ़रवरी 2009
रात की धड़कन जब तक जारी रहती है
सोते नही हम जिम्मेदारी रहती है
कुछ शायर दिन रात नवाजे जाते है
कुछ गजलो की धुन सरकारी रहती है
डा. राहत इंदौरी
आज तक जो कुछ भी देखा, सुना, पढ़ा, जाना, समझा वो सब कुछ जो यहाँ से वहां से जाने कहाँ कहाँ से जमा किया वो सब कुछ इस ब्लॉग पे डाल रहा हूँ. वैसे तो मेरी कोशिश होगी की हर रचना के साथ उसके रचनाकार का नाम भी दे दू लेकिन अगर कभी ऐसा न कर सको तो अपना दोस्त समझ के माफ़ कर दीजियेगा.
रात की धड़कन जब तक जारी रहती है
सोते नही हम जिम्मेदारी रहती है
कुछ शायर दिन रात नवाजे जाते है
कुछ गजलो की धुन सरकारी रहती है
Posted in डा. राहत इंदौरी by Rahul kundra
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17 फ़रवरी 2009 को 2:55 am बजे
आपकी सरकारी गज़ल की धुन.......अच्छा मुक्तक है।
17 फ़रवरी 2009 को 3:34 am बजे
waah kya baat kahi sundar andaaz.