उसके दिल में जरूर कोई रहता है
बुधवार, 25 फ़रवरी 2009
उसके दिल में जरूर कोई रहता है
वरना कौन चुपचाप दर्द सहता है
कही भीतर से रोता है ताजमहल
लाख पूछो लेकिन कुछ नही कहता है
घर लोटोगे तो गली कुचे पूछेंगे
क्या यहाँ तुम्हारा कोई रहता है
आग मरघट में लगे या दिल में
दर्द का तूफान दोनों में उठता है
यह ख़बर लाई थी नन्ही चिडिया
तपते सेहरा में गुलाब खिलता है
अशोक प्लेटो
25 फ़रवरी 2009 को 2:33 am बजे
दिल में दर्द समेटे काँटों में गुलाब रहता है।
जगवालों से अपनी पीड़ा कभी नही कहता है।।
25 फ़रवरी 2009 को 4:18 am बजे
वरना कौन चुपचाप दर्द सहता है
...जनाब राहुल कुंदरा तहेदिल से बधाई. बहुत अच्छी रचना है.