दुनिया समझ रही थी शनासाइयों में था
रविवार, 22 मार्च 2009
दुनिया समझ रही थी शनासाइयों में था
लेकिन वो मेरी रूह की गहराइयों में था
कहता था मेरा साथ निभाएगा उमर भर
यह राज़ अब खुला की वो हरजाइयो में था
चेहरे बदल-बदल के वो देता रहा फरेब
जो गुम मेरे ख्याल की परछाइयो में था
वो कातिलो का जश्न था कब थी मेरी बारात
मातम किसी की मौत का शह्ननाइयो में था
' शाहीन ' उसको रेत में छोड़ आई थी मगर
लगता था वो माकन की अगंनाईयो में था
रेहाना शाहीन
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