अल्लामा इक़बाल
सोमवार, 16 मार्च 2009
खामोश-ऐ-दिल भरी महफिल
में चिल्लाना नही अच्छा
अदब पहला करीना है
मोहब्बत के करीनो में
(अल्लामा इक़बाल )
आज तक जो कुछ भी देखा, सुना, पढ़ा, जाना, समझा वो सब कुछ जो यहाँ से वहां से जाने कहाँ कहाँ से जमा किया वो सब कुछ इस ब्लॉग पे डाल रहा हूँ. वैसे तो मेरी कोशिश होगी की हर रचना के साथ उसके रचनाकार का नाम भी दे दू लेकिन अगर कभी ऐसा न कर सको तो अपना दोस्त समझ के माफ़ कर दीजियेगा.
Check Page Rank of any web site pages instantly: |
This free page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service |
0 टिप्पणियाँ: to “ अल्लामा इक़बाल ”
एक टिप्पणी भेजें