मुझसे वाही हालात पुराने मांगे
सोमवार, 23 मार्च 2009
मुझसे वही हालात पुराने मांगे
जिंदगी जीने के बहाने मांगे
अपनी शाम का एक लम्हा तो दे
हमने कब तुझसे ज़माने मांगे
अजीब शौक है ज़माना यारो
हम फकीरों से ठिकाने मांगे
में गर्दिश में गुनगुना क्या दिया
वो खुशियों के तराने मांगे
में ख़ुद एक कहानी हूँ या रब
और वो मुझसे फ़साने मांगे
चरणजीत
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