तुम किसी ख्वाब को आँखों में सजा कर देखो  

शुक्रवार, 30 जनवरी 2009

तुम किसी ख्वाब को आँखों में सजा कर देखो
तुम किसी आग को सीने में बसा कर देखो

जिंदगी किस कदर फ़िर प्यार करेगी तुमको
तुम किसी शक्स को अपना तो बना कर देखो

दस्तके बहुत दी होंगी तुमने दरवाजों पे
तुम किसी रोज़ इन्हे दीवार पर लगा कर देखो

अर्थ कुछ भी बहादुरों के लिए काँटों का
तुम किसी पाव को काँटों पे चुभा कर देखो

लकीरे रौशनी की खींचेगा दुनिया भर में
तुम किसी दीप को अंधेरो से लड़ाकर देखो

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4 टिप्पणियाँ: to “ तुम किसी ख्वाब को आँखों में सजा कर देखो

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