ग़ज़ल  

बुधवार, 14 जनवरी 2009

चाँद पर लिखू गीत नया
धुन मधुर संगीत नया
जीत लाये स्वर्ग प्रेम का
बनाऊ में इंदरजीत नया
आपके पास से गुजरते
मिला कोई मनमीत नया
तितलियों से जाकर मिलो
फ़िर लिखो प्रेमगीत नया
रौशनी तो है जुगानुंओँ की
अंधेरे का है संगीत नया
तुम हो ग़ज़ल की भाषा सी
या हो की अनुगीत नया

" दिवाकर सिंह "

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